हमेशा लम्बी अवधि के लिए निवेश करें।

— Warren Buffett

दोस्तों, यह ब्लॉग Mutual Funds के फायदे ( Mutual Fund Advantages In Hindi ) और नुकसान के बारे में है, इस ब्लॉग में आप जानेगें की Mutual Fund के जितने फ़ायदे हैं, उतने ही इसके नुकसान भी हैं। इसलिए अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करके पैसा कमाना चाहते हैं, तो न केवल आपको Mutual Fund के फ़ायदों के बारे में जानना जरुरी है, बल्कि इसके नुकसान के बारे में जानना भी उतना ही जरुरी है।

Table of Contents

म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करना चाहिए ?

म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से निवेशकों को कई फायदे मिलते हैं। कम जोखिम, मुद्रा का अधिक लचीलापन और शेयर बाजार विशेषज्ञों द्वारा आपके पैसों का सही प्रबंधन करना आदि म्यूच्यूअल फंड को अधिक आकर्षक निवेश विकल्प बनाते हैं।

इसके अलावा भी म्यूचुअल फंड के ऐसे बहुत से फायदे है जिन को ध्यान में रखकर ही आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। इस ब्लॉग में आप यह जान पाएंगे कि वह कौन कौन से कारण हैं जिनकी वजह से आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। चलिए जानते हैं इन कारणों के बारे में।

म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान। Mutual Fund Ke Fayde Aur Nuksan

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म्यूचुअल फंड के फायदे | Mutual Fund Advantages In Hindi

1. कम लागत निवेश।

म्यूचुअल फंड में आप बहुत कम लागत से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। इसीलिए यह छोटे निवेशकों के लिए भी निवेश का एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है। फंड हाउस या ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियां आपके निवेश को प्रबंधित करने के एवज में एक छोटी राशि व्यय अनुपात शुल्क के रूप में वसूल करती है।

यह व्यय अनुपात शुल्क आमतौर पर निवेश की गई कुल राशि का 0.5% से 1.5% के बीच में होता है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( Securities and Exchange Board of India ) ने व्यय अनुपात शुल्क कुल निवेश राशि का 2.5% से कम होना अनिवार्य कर दिया है।

2. कोई लॉक इन अवधि नही।

अधिकांश म्यूच्यूअल फंड बिना लॉक इन अवधि के निवेश करने का विकल्प प्रदान करते हैं। यानी उनमें निवेश करने के लिए कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता। आप जब चाहे पैसा निवेश कर सकते हैं और जब चाहे पैसा निकाल सकते हैं।

निवेश के मामले में, लॉक इन पीरियड वह समय सीमा होती है, जिसके दौरान एक बार निवेश कर देने पर उस समय सीमा से पहले पैसा नहीं निकाला जा सकता।

हालांकि कुछ निवेश विकल्प समय पूर्व निकासी ( Premature Withdrawal ) के लिए कुछ पेनल्टी ( आर्थिक दंड ) के बदले इस तरह के समय पूर्व निकास की अनुमति देते हैं। अधिकांश म्युचुअल फंड ओपन एंडेड किस्म के होते हैं यानी आप जब चाहे पैसा निवेश कर सकते है और जब चाहे पैसा निकाल सकते हैं।

इसके अलावा अधिकांश म्युचुअल फंड बिना किसी एग्जिट लोड के आते हैं। यानी जब आप पैसा निकालते हैं तो आपको किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। हालांकि ईएलएसएस फंड्स ( ELSS Funds ) जो सबसे लोकप्रिय म्यूच्यूअल फंड्स हैं में तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है।

 3. बड़ी AMC’s द्वारा निवेश का प्रबंधन।

म्यूच्यूअल फंड्स में आपके द्वारा किया गया निवेश बड़े-बड़े फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जाता है। ऐसा बड़े-बड़े फंड हाउस या असेट मैनेजमेंट कंपनियों ( AMC’S ) के द्वारा किया जाता है। यह फंड हाउस या ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियां निवेशकों के पैसे के प्रबंधन के लिए निवेश पोर्टफोलियो के प्रबंधन के उत्कृष्ट रिकार्ड वाले वित पेशेवरों को नौकरी पर रखते हैं।

इसके अलावा म्यूच्यूअल फंड के प्रबंधन के लिए फंड मैनेजरों, विश्लेषकों व विशेषज्ञों की एक पूरी टीम होती है, जो आपके पैसों का निवेश सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले ऐसे शेयरों या परिसंपत्तियों में करते हैं जो निवेशकों के लिए उत्कृष्ट रिटर्न प्रदान करने की क्षमता रखते हैं।

4. SIP के माध्यम से छोटी राशि निवेश।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक लाभ यह भी है कि आप एक छोटी निश्चित राशि को भी एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के माध्यम से नियमित निवेश कर सकते हैं। आपकी एसआईपी की अवधि आपके आराम के हिसाब से मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक भी हो सकती है। इसके अलावा आप अपनी आवश्यकता के हिसाब से एक एसआईपी शुरू या बंद कर सकते हैं।

5. फंड स्विच करने का विकल्प।

अगर आप एक ही फंड हाउस के एक फंड से दूसरे फंड में स्विच करना चाहते हैं, तो आपके पास विकल्प रहता है कि आप अपने मौजूदा फंड से किसी दूसरे फंड में जा सकते हैं। एक अच्छा निवेशक यह जानता है कि किसी विशेष फंड में कब निवेश करना है और कब बेच कर बाहर निकल जाना है।

यदि आपको ऐसा लगता है कि आपके मौजूदा फंड की बजाए किसी दूसरे फंड में वह क्षमता है कि वह बाजार के उतार चढ़ाव को मात दे सके या फिर आपको ऐसा लगता है कि आपका निवेश उद्देश्य बदल गया है, इन परिस्थितियों में आप एक फंड से दूसरे फंड में स्विच करने की सोच सकते हैं।

6. लक्ष्य आधारित निवेश।

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Mutual Fund Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi

कोई भी निवेशक चाहे वह छोटा निवेशक है या फिर बड़ा, जब अपनी मेहनत की कमाई को कहीं भी निवेश करता है तो उसके दिमाग में कुछ वित्तीय लक्ष्य होते हैं। और उस विशेष निवेश विकल्प के माध्यम से वह अपने वित्तीय लक्ष्यों को पाना चाहता है।

इस दिशा में म्यूचुअल फंड भी अपने निवेशकों को ऐसी निवेश योजनाएं प्रस्तुत करता है, जिन्हें अपनाकर निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सके, फिर चाहे वह लक्ष्य अल्पकालिक हो या दीर्घकालिक।

ऐसी बहुत सी म्यूच्यूअल फंड निवेश योजनाएं हैं जो हर व्यक्ति के जोखिम प्रोफाइल और निवेश शैली के अनुरूप निवेश के विकल्प प्रदान करती है। यानी हर व्यक्ति अपनी सुविधा अनुसार अपने लिए निवेश की बेहतर योजनाएं तलाश सकता है। बशर्ते, निवेशकों को अपनी निवेश प्रोफाइल का बेहतर मूल्यांकन करने की आवश्यकता होती है, ताकि वे अपने लिए बेहतर फंड योजना चुन सके।

7. निवेश की विविधता का लाभ

स्टॉक मार्केट या शेयर मार्केट की बजाय म्युचुअल फंड एक ही कंपनी के स्टॉक में निवेश नहीं करते बल्कि कई कंपनियों की विभिन्न परिसंपत्तियों और शेयरों में निवेश करते हैं। जिसकी वजह से निवेशकों को विविधता का लाभ मिल जाता है।

इसके अलावा यह एक ही जगह निवेश करने के जोखिम को भी कम करता है जैसा कि दुनिया के महान निवेशक वारेन बुफेट ने कहा था कि “अपने सभी अंडे एक की टोकरी में नहीं रखनी चाहिए”

अर्थात निवेश की विविधता से हमें यह लाभ मिल जाता है कि यदि किसी एक कंपनी के स्टॉक हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते हैं तो किसी दूसरी कंपनी के स्टाफ हमारे उस निवेश पर होने वाले घाटे की भरपाई कर देते हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड में पोर्टफोलियो की विविधता के कारण निवेशकों को शेयर बाजार की अस्थिरता के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती।

8. निवेश में लचीलापन।

निवेश के लचीलेपन की वजह से इन दिनों में म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए अच्छा निवेश विकल्प बना हुआ है। छोटी-छोटी नियमित मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक किस्तों में निवेश यानी एसआईपी के माध्यम से निवेश ने इसे और अधिक आकर्षक निवेश विकल्प बना लिया है।

इसके अलावा अधिकांश म्युचुअल फंड में कोई लॉक इन अवधि ना होने की वजह से आप जब चाहे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं और जब चाहे अपना पैसा निकाल सकते हैं। इसके अलावा आप यदि बार-बार की किस्तों के भुगतान की झंझट से बचना चाहते हैं तो आप एक बार में ही लम्पसम यानी एकमुश्त भुगतान करके भी अपना निवेश शुरू कर सकते हैं।

9. निवेश की सरल प्रक्रिया।

अन्य निवेश विकल्पों की बजाय म्युचुअल फंड में निवेश करना अपेक्षाकृत अधिक सरल प्रक्रिया है। आपको ज्यादा कागजी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं होती। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन भी अपना म्यूचुअल फंड अकाउंट खुलवा सकते हैं।

ऐसे बहुत से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहां पर आप कुछ ही मिनटों में अपना ऑनलाइन म्यूच्यूअल फंड अकाउंट खुलवा सकते हैं और पहले दिन से ही निवेश शुरू कर सकते हैं और वह भी बिना किसी शुल्क के।

फण्ड यूनिट्स को खरीदना, बेचना उस म्यूच्यूअल फंड प्लान के वर्तमान शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य ( Net Assets Value ) के आधार पर किए जाते हैं।

निवेशकों को केवल निवेश करने की जरूरत होती है बाकी सभी काम जैसे कि स्टॉक को चुनना, उनको खरीदना, उनको बेचना आदि फंड मैनेजर और उनकी विशेषज्ञों और विश्लेषकों की टीम द्वारा किए जाते हैं। इसके एवज में आपको एक नाम मात्र की फीस देनी होती है।

10. सरकारी संस्थाओं द्वारा विनियमन।

सभी म्यूच्यूअल फंड हाउस या बड़ी-बड़ी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियां ( AMC’S ) जो म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए निवेशकों से पैसों की उगाही करते हैं, हमेशा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( Securities and Exchange Board of India )और भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank of India ) द्वारा विनियमित किए जाते हैं। इसके अलावा देश के सभी फंड हाउसों द्वारा गठित एक स्व – नियामक संस्था, एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड्स इन इंडिया ( Association of Mutual Funds in India ) इंडिया की सभी फंड योजनाओं को नियंत्रित करती है। इस कारण से निवेशकों को अपने निवेश की सुरक्षा के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।

11. ट्रैक करने में आसान।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक महत्वपूर्ण लाभ यह भी है कि इसमें अपने निवेश को ट्रैक करना बहुत ही आसान है। अधिकतर फंड हाउस इस बात को समझते हैं कि निवेशकों के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रमों से कुछ समय निकालना भी बहुत मुश्किल है।

इसलिए वे अपने निवेशकों को उनकी सुविधा अनुसार उनके निवेश से संबंधित नियमित विवरण प्रदान करते रहते हैं। इस कारण निवेशकों को अपने निवेश को ट्रैक करने और तदनुसार निर्णय लेने में बहुत आसानी हो जाती है।

12. निवेशकों को उच्च तरलता का लाभ।

म्यूच्यूअल फंड निवेशकों को उच्च तरलता का लाभ प्रदान करता है। क्योंकि अधिकांश म्युचुअल फंड में कोई लॉक इन अवधि नहीं होती। इसलिए निवेशकों को वित्तीय संकट के समय उस विशेष फण्ड से बाहर निकलना आसान हो जाता है। इस कारण निवेशक अपनी वित्तीय जरूरतों के हिसाब से जब चाहे म्यूच्यूअल फंड में पैसा लगा सकते हैं, और जब चाहे पैसा निकाल सकते हैं।

अन्य निवेश विकल्पों की बजाय म्युचुअल फंड आपकी रिडेंप्शन रिक्वेस्ट को जल्दी प्रोसेस करता है और अधिकतर फंड हाउस या एएमसी ( AMC’S ) रिडेंप्शन रिक्वेस्ट के 4 से 7 दिन में पैसे को आपके खाते में क्रेडिट कर देते हैं।

इस ब्लॉग में मैंने म्यूचुअल फंड में निवेश करने के इन 12 कारणों के बारे में बताया है। हालांकि निवेश के जोखिम स्तर और निवेश उद्देश्य के आधार पर किसी भी म्यूचुअल फंड के निवेश कारणों में बदलाव आ जाता है। इसलिए निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों व जोख़िम स्तर को ध्यान में रखकर अपने लिए बेहतर निवेश विकल्प सुनने चाहिए।

म्यूचुअल फंड के नुकसान | Mutual Fund Disadvantages In Hindi

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हालांकि म्यूच्यूअल फंड को एक सुरक्षित निवेश माना और समझा जाता है। यह बात बहुत हद तक सही भी है। लेकिन म्युचुअल फंड भी शेयर बाजार ( Stock Market ) जोखिमों के अधीन होता है। स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव का म्युचुअल फंड पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जिसकी वजह से इसमें भी स्टॉक्स की तरह ही नुकसान की संभावनाएं बनी रहती है। इसलिए म्यूच्यूअल फंड के जितने फायदे हैं, उतने ही म्यूच्यूअल फण्ड के नुकसान भी है जैसे की –

1. एक निश्चित लॉक इन पीरियड।

जैसे कि ऊपर म्यूचुअल फंड के फायदों में बताया गया है कि म्यूचुअल फंड में लॉक इन अवधि नहीं होती। हालांकि यह बात ज्यादातर म्यूच्यूअल फंड पर लागू होती है। लेकिन कुछ म्यूच्यूअल फंड ऐसे भी हैं जिनमें यह लॉक इन अवधि होती है, जहां आपको एक निश्चित अवधि तक अपने पैसे को निवेश करके रखना पड़ता है।

अगर आप उस निश्चित अवधि से पहले अपने पैसों को निकालना चाहे तो ऐसा संभव नहीं होता या फिर आपको अपने पैसे को निकलवाने के लिए पेनल्टी के रूप में एक मोटी फीस देनी पड़ती है। ईएलएसएस स्कीम ( ELSS Mutual Fund ) इसी तरह के म्यूच्यूअल फंड है जहां आप को कम से कम 3 साल तक अपने पैसे को निवेश करके रखना होता है।

2. म्यूच्यूअल फंड की निवेश लागत।

म्यूचुअल फंड में कुछ ऐसे चार्जेज भी होते हैं, जिन्हें थोड़ी राशि के लिए हम नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन बड़ी राशि यानी लाखों या करोड़ों के लिए ये चार्जेज बहुत ज्यादा होंगे। जैसे कि एक्सपेंस रेशों ( Expense Ratio ) व एग्जिट लोड ( Exit Load ) जैसा कि आपको पता होगा कि किसी भी म्यूच्यूअल फंड को मैनेज करने के लिए हमारे द्वारा निवेशित कुल राशी का एक छोटा सा हिस्सा फंड हाउस द्वारा सर्विस चार्जेज के रूप में वसूल किया जाता है। 

सेबी के म्युचुअल फंड रेगुलेशन ( Mutual Fund Regulation, 1996 ) के सेक्शन 52 के तहत कोई भी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी 100 करोड रुपए तक की राशि पर अधिकतम 2.5% एक्सपेंस रेशों चार्ज कर सकती है। अगर हम ₹100000 निवेश करते हैं तो 2.5% एक्सपेंस रेशों के हिसाब से यह चार्ज ₹2500 होते हैं, जो कि बहुत ज्यादा है। 

लेकिन यह ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने एक्सपेंस रेशों को कम से कम रखती है। इसलिए आप वही म्यूच्यूअल फंड चुने जिनका एक्सपेंस रेशों 1% से कम हो। 

इसके अलावा यह म्युचुअल फंड कंपनियां एक और चार्ज वसूल करती हैं जिसे एग्जिट लोड कहा जाता है। म्युचुअल फंड में एग्जिट लोड से अभिप्राय है कि जब आप एक साल से पहले अपने म्यूचल फंड से पैसा निकालते हैं तो आपको एक निश्चित अमाउंट चार्जेस के रूप में उस म्यूच्यूअल फंड को पे करना पड़ता है।

हालाँकि यह समय सीमा और रेट ऑफ़ परसेंट एक म्यूच्यूअल फण्ड से दूसरे म्यूच्यूअल फण्ड में अलग अलग होता है।  सेबी की गाइडलाइन्स के हिसाब से कोई भी म्यूच्यूअल फंड हाउस अपने निवेशकों से 7% से ज्यादा एग्जिट लोड चार्ज नहीं कर सकता। 

सभी निवेश कंपनियां ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एग्जिट लोड को कम से कम रखना चाहती हैं। इसके अलावा भी वे एक साल की अवधि को कम करके कम से कम कर देती हैं जैसे 30 दिन या 15 दिन आदि यानि अगर आप 30 दिन या 15 दिन के बाद पैसा निकालते हैं तो आपको कोई एग्जिट लोड नहीं देना होता।

3. म्यूच्यूअल फंड पर लगने वाले टैक्स।

हालांकि ये टेक्स आपको म्युचुअल फंड के साथ-साथ स्टॉक इन्वेस्टमेंट पर भी देने होते हैं जो कि LTCG ( Long Term Capital Gain Tax ) के रूप में एक साल में एक लाख से ज्यादा के रिटर्न पर 10 पर्सेंट होता है और अगर आप एक साल से पहले अपना पैसा निकालते हैं तो आपको STCG ( Short Term Capital Gain Tax )के रूप में एक साल में एक लाख से ज्यादा के रिटर्न पर 15 पर्सेंट टैक्स देना पड़ता है।

4. मिलने वाली रिटर्न की अनिश्चितता।

जैसा कि आप जानते हैं म्यूच्यूअल फंड शेयर बाजार से जुड़ा होता है और अप्रत्यक्ष रूप से आप शेयर बाजार में ही निवेश करते हैं। जबकि शेयर बाजार वित्तीय जोखिमों से भरा होता है, जहां लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसलिए यहां पर आप एक निश्चित रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकते। शेयर बाजार निवेश पर आधारित होने की वजह से म्यूचुअल फंड आपको अन्य निवेश विकल्पों जैसे NSC, FD या PPF आदि की तरह एक निश्चित रिटर्न की गारंटी नहीं देता। 

हालांकि अगर आप Long Term Investment Goal के साथ चलते हैं जैसे 3 साल, 5 साल या इससे अधिक तो इस बात की काफी संभावना है कि म्यूचुअल फंड आपको NSC, FD और PPF से ज्यादा अच्छे रिटर्न कमा कर दे।

5. शेयर मार्केट निवेश से कम रिटर्न।

म्यूच्यूअल फंड, शेयर मार्केट में निवेश का अप्रत्यक्ष यानी इनडायरेक्ट तरीका है। लेकिन अगर आप प्रत्यक्ष तरीके से शेयर मार्केट में स्टॉक्स खरीदते हैं तो वहां आप म्यूच्यूअल फंड से कई गुना ज्यादा अच्छे रिटर्न कमा सकते हैं, बशर्ते आपको स्टॉक मार्केट की अच्छी जानकारी हो। अगर आप स्टॉक मार्केट में अच्छी कंपनी ढूंढने में कामयाब हो जाते हैं तो आप स्टॉक मार्केट में डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करके म्यूच्यूअल फंड से कई गुना अच्छे रिटर्न निकाल सकते हैं। 

लेकिन समस्या यह है कि अच्छी कंपनी ढूंढना, जिसमें आप निश्चिंत होकर अपने पैसे निवेश कर सके इतना आसान नहीं है। अगर यह इतना आसान होता तो स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाला हर व्यक्ति अमीर होता। 

इसके लिए आपको बहुत सारे आंकड़ों को एनालाइज करना पड़ता है जैसे कि कंपनी की बैलेंस शीट देखना, कंपनी के मालिकों बारे में जानकारी हासिल करना, कंपनी का पिछले सालों का ट्रैक रिकॉर्ड देखना, कंपनी के फ्यूचर गोल्स का पता लगाना और उसके प्रॉफिट और लॉस का पता लगाना आदि और इसके अलावा आपको मार्केट की कंडीशनस को भी समझना पड़ता है। तभी जाकर आप शेयर मार्केट में डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करके पैसा कमा सकते हैं।

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Mutual Fund Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi

निवेश करना एक बहुत अच्छी आदत है जो आपको वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने में सबसे ज्यादा मदद करती है। लेकिन सोच समझकर और अपने लक्ष्य को निश्चित करके किया गया निवेश ही आपको अच्छे रिटर्न दे सकता है। किसी भी निवेश विकल्प में कम समय के लिए निवेश करके आप अमीर नहीं बन सकते। इसलिए निवेश में धैर्य रखना बहुत जरूरी है।

म्युचुअल फंड में लाभ के लिए बोनस टिप्स

दोस्तों, इस ब्लॉग में आपने ‘म्यूच्यूअल फंड के फायदे और नुकसान | Mutual Funds Advantages And Disadvantages In Hindi‘ के बारे में पढ़ा। म्यूच्यूअल फंड या अन्य किसी भी निवेश विकल्प में निवेश करना सही साबित हो सकता है, यदि आपने आपने एक Long Term Investment Goal से निवेश किया है।

इनके बारे में भी पढ़ें।

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