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Equity Funds Kya Hain ?

इक्विटी फंड्स क्या है? Equity Funds Kya Hain? जैसे कि नाम से ही पता चल रहा है Equity Funds, वे फंड्स होते हैं, जो अपनी कुल पूंजी का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी उपकरणों यानी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। यह हिस्सा उनके कुल पोर्टफोलियो का कम से कम 65% होता है। इक्विटी फंड म्यूचुअल फंड के अन्य फंड्स की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान करते हैं। हालांकि इक्विटी फंड्स द्वारा प्रदान रिटर्न्स बाजार जोखिमों पर निर्भर होते हैं और शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर इक्विटी फंड्स पर मिलने वाले रिटर्न भी कम ज्यादा होते रहते हैं।

इक्विटी फंड्स के प्रकार | Types Of Equity Funds In India

इक्विटी फंडों को बाजार पूंजीकरण के आधार पर निम्न वर्गों में बांटा जा सकता है।

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Equity Funds Kya Hain? । Types Of Equity Funds In India

1 . स्मॉल कैप फंड ( SMALL CAP EQUITY FUNDS )

स्मॉल कैप फंड वे इक्विटी फंड्स हैं जो छोटी बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5000 करोड़ से कम होता है। इसके अलावा सेबी द्वारा परिभाषित वे कंपनियां जो बाजार पूंजीकरण के आधार पर 251वें स्थान से लेकर ऊपर की सभी कंपनियां है, वे सभी स्माल कैप कंपनियों के अंतर्गत आती हैं।

2 . मिड कैप फंड ( MID CAP EQUITY FUNDS )

मिड कैप फंड्स वे फण्ड होते हैं जो मध्यम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। सेबी यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के द्वारा परिभाषित यह कंपनियां बाजार पूंजीकरण के आधार पर 101वें से 250 वे स्थान के अंतर्गत आती है या फिर मध्यम आकार की वे कंपनियां जो 5000 करोड़ से 20000 करोड का बाजार पूंजीकरण रखती है वे कंपनियां मिडकैप कंपनियां कहलाती है।

3 . लार्ज कैप फंड्स ( LARGE CAP EQUITY FUNDS )

लार्ज कैप फंडस वे इक्विटी फंड्स है, जो बड़ी बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। सेबी लार्ज कैप कंपनियों को परिभाषित करता है। सेबी की परिभाषा के आधार पर जो कंपनियां बाजार पूंजीकरण में 1 से लेकर 100 वी रैंक पर है वे सभी लार्ज कैप कंपनियां हैं। इसके अलावा जिन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 20 हजार करोड़ से ऊपर है वे सभी लार्जकैप कंपनियां।

4 . मल्टी कैप फंड्स ( MULTI CAP EQUITY FUNDS )

मल्टी कैप फंड वे इक्विटी फंड होते हैं जो बाजार के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखकर व अधिकतम रिटर्न हासिल करने के लिए निवेश का कुछ हिस्सा स्माल कैप फंड्स में, कुछ हिस्सा मिड कैप फंड्स में तथा कुछ हिस्सा लार्ज कैप फंड्स में निवेश करते हैं।

5  . सेक्टर या थीमेटिक फंड्स ( SECTORAL OR THEMATIC EQUITY FUNDS )

वे इक्विटी फंड्स जो किसी विशेष सेक्टर जैसे कि बैंकिंग, आईटी, फार्मा, एफएमसीजी कंपनियों में निवेश करते हैं सेक्टर आधारित फंड्स कहलाते हैं। इसके अलावा वे फंड्स जो किसी विशेष थीम आधारित कंपनियों जैसे ट्रैवलिंग, हॉस्पिटैलिटी आदि में निवेश करते हैं, थीमेटिक फंड्स कहलाते है। 

6 . इंडेक्स फंड्स ( INDEX EQUITY FUNDS )

इंडेक्स फंड्स एक प्रकार का इक्विटी फंड्स ही है, जो बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी जैसे लोकप्रिय शेयर बाजार सूचकांक के प्रदर्शन पर नजर रखता है और उनका अनुकरण करता है। यह फंड किसी विशेष सेक्टर पर भी आधारित हो सकते हैं जैसे फार्मा, आईटी, एफएमसीजी या ऑटो सेक्टर सूचकांक आदि।

7 . ईएलएसएस फंड्स ( ELSS EQUITY FUNDS )

ईएलएसएस फंड्स भी एक प्रकार का इक्विटी फंड ही है, जो इक्विटी यानी स्टॉक में निवेश करता है। लेकिन यह एक क्लोज एंडेड फण्ड है यानी इसमें आप जब चाहे तब पैसा नहीं निकाल सकते हैं। इसमें 3 साल का लॉकिंग पीरियड होता है। बाकी इक्विटी फंड्स की बजाय ईएलएसएस फंड्स भारतीय आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत निवेशकों को अपने कुल निवेश के 1.5 लाख रुपए तक की राशि पर कर छूट का लाभ भी प्रदान करता है।

8. डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स ( Diversified Equity Funds )

डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स, वे इक्विटी फंड्स होते हैं जो मल्टीकैप फंड्स की तरह ही सभी प्रकार के बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं। हालांकि यह आमतौर पर अपनी कुल संपत्ति का 40 से 60% लार्ज कैप कंपनियों के स्टॉक्स में, 20 से 35% मिड कैप कंपनियों के स्टॉक्स में तथा 10 से 15 परसेंट स्मॉल कैप कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं।

हर तरह की बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करने  के कारण डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स मीडियम रिस्क, मीडियम गेन फंड्स माने जाते हैं।

9. डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड्स ( Dividend Yield Equity Funds )

डिविडेंड यील्ड फंड, ऐसे इक्विटी फंड्स होते हैं जो अपनी कुल संपत्ति का ज्यादा से ज्यादा प्रतिशत उन स्टॉक्स में निवेश करते हैं जो हाई डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स होते हैं। यह फंड्स उन इन्वेस्टर्स के द्वारा ज्यादा पसंद किए जाते हैं जो पूंजीगत लाभ के साथ-साथ एक नियमित आय के लक्ष्य के साथ निवेश करते हैं।

यह फंड्स डिविडेंड यील्ड स्ट्रेटजी को अपनाकर अपनी कुल संपत्ति का न्यूनतम 65 प्रतिशत उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो उच्च और नियमित लाभांश प्रदान करती हैं।

10. वैल्यू इक्विटी फंड्स ( Value Equity Funds )

ये वे इक्विटी फंड्स होते हैं जो वैल्यू इन्वेस्टिंग कंपनीज में निवेश करते हैं। स्टॉक मार्केट में बहुत सारी ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने किसी कारण से लोगों का भरोसा खो दिया है, लेकिन फिर भी वह अपने सिद्धांतों को बनाए रखे हुए हैं। जिसके कारण इन कंपनियों के स्टॉक की कीमत अंडरवैल्यूड हो जाती है। वारेन बुफेट भी इसी वैल्यू इन्वेस्टिंग सिद्धांत को अपनाकर निवेश करते हैं।

11. कॉण्ट्रा इक्विटी फंड्स ( Contra Equity Funds )

यह फंड्स अपनी इक्विटी का न्यूनतम 65 प्रतिशत ऐसे अंडर परफॉर्मिंग स्टॉक्स में निवेश करते हैं जो सस्ते वैल्यूएशन के कारण लॉन्ग टर्म में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। इनका मकसद फंडामेंटल प्राइस से कम कीमत पर ऐसे स्टॉक्स खरीदने का होता है जो लंबे समय में अच्छा प्रदर्शन करें और निवेशकों को अच्छे रिटर्न कमा कर दें।  यह फंड्स इस विश्वास के साथ इन अंडर परफॉर्मिंग स्टॉक्स में निवेश करते हैं कि दीर्घकाल में स्टॉक्स स्थिर हो जाएंगे और अपने वास्तविक मूल्य पर आ जाएंगे।

12. फोकस्ड इक्विटी फंड्स ( Focused Equity Funds )

फोकस्ड फंड इक्विटी फंड्स कमीशन होते हैं जो लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप और मल्टीकैप फंड्स में निवेश करते हैं। सेबी की गाइडलाइंस के अनुसार फोकस्ड फंड्स केवल 30 स्टॉक्स में ही निवेश कर सकते हैं। फोकस्ड फंड कुल संपत्ति का न्यूनतम 65 प्रतिशत इक्विटी में निवेश कर सकते हैं।

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