Tokyo Olympic 2020 Gold Medalist Neeraj Chopra Biography in Hindi
दोस्तों, दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे हैं जो अपने लक्ष्यों को चुनते हैं, उनका पीछा करते हैं और कड़ी मेहनत करके उन्हें हासिल करते हैं। Tokyo Olympic, 2020 में इंडिया के Javelin Throw खिलाड़ी नीरज चोपड़ा भी उन्हीं गिने-चुने लोगों में से हैं, जिन्होंने सिर्फ 13 साल की उम्र में ही एक सपना देखा था और 7 अगस्त 2021 की शाम को टोक्यो ओलंपिक 2020 में रिकॉर्ड 87.58 मीटर दूरी पर भाला फेंक कर उस सपने को पूरा भी किया। दोस्तों इस ब्लॉग ‘Neeraj Chopra Biography in Hindi’ में हम इंडिया के नीरज चोपड़ा की जीवनी के बारे में पढ़ेंगे, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 ( जापान ) में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता।
टोक्यो ओलंपिक 2020 स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की जीवनी हिंदी में।
Neeraj Chopra कौन हैं | Who is Neeraj Chopra?
नीरज चोपड़ा एक 23 वर्षीय अविवाहित, भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट है, जो जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं। इसके अलावा वे भारतीय सेना में जूनियर कमीशंड ऑफिसर यानी जेसीओ पद पर नियुक्त है। नीरज चोपड़ा ने राष्ट्रीय स्तर के कई मेडल जीते हैं। साल 2016 में पोलैंड में हुए आईएएएफ वर्ल्ड U-20 चैंपियनशिप ( IAAF World U-20 Championship ) में उन्होंने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था, जिससे खुश होकर भारतीय सेना में इन्हें जेसीओ ( Junior Commissioned Officer ) के तौर पर नायब सूबेदार के रैंक पर नियुक्त कर लिया गया था।
नाम – | नीरज चोपड़ा ( Neeraj Chopra ) |
जन्म – | 24 दिसंबर 1997 खंद्रा ( Khandra ) गांव, पानीपत ( हरियाणा ) |
उम्र – | 25 साल |
शिक्षा – | बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन ( BBA ) DAV College, Chandigarh |
माता – पिता | मां का नाम सरोज देवी, पिता का नाम – सतीश कुमार। |
विश्व रैंकिंग – | टोक्यो ओलंपिक 2020 के बाद 2nd |
जाति – | रोड, मराठा ( हिंदू ) |
हाइट – | 178 सेंटीमीटर ( 6 फीट ) |
कोच – | उवे होन ( Uwe Hohn ) Germany |
नेटवर्थ | नीरज चोपड़ा की कुल संपत्ति 4.5 मिलियन डॉलर यानी 37 करोड़ रुपये है। उनकी मासिक सैलरी 30 लाख रुपये से ज्यादा है। |
Neeraj Chopra जन्म व शिक्षा | Neeraj Chopra Birth and Education
टोक्यो ओलंपिक 2020 के जैवलिन थ्रो गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खंद्रा गांव में हुआ था। नीरज चोपड़ा की मां का नाम श्रीमती सरोज देवी और पिता का नाम श्री सतीश कुमार है। नीरज के पिता सतीश कुमार एक किसान है और उनकी माता सरोज देवी एक गृहणी है। नीरज के अलावा उनके पांच भाई बहन और भी है, जिनमें नीरज सबसे बड़ा है। नीरज चोपड़ा ने 12वीं तक की शिक्षा हरियाणा में ही प्राप्त की। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई के लिए वे चंडीगढ़ चले गए जहां उन्होंने डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से बीबीए की डिग्री हासिल की। नीरज वर्तमान में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधर से BA कर रहे हैं।
Neeraj Chopra कैरियर की शुरुआत | Neeraj Chopra debut
बचपन के दिनों में नीरज बहुत मोटे हुआ करते थे, जिसकी वजह से स्कूल के सभी बच्चे उनका मजाक उड़ाया करते थे। नीरज को यह बात बड़ी बुरी लगती थी। एक दिन उन्होंने यह बात अपने पिताजी को बताई तो उनके पिता श्री सतीश कुमार ने नीरज को कसरत करने की सलाह दी। इसके बाद नीरज पास के ही एक कस्बे, मतलौडा के एक स्टेडियम में जाने लगा। मतलौडा नीरज के गांव से 6.2 किलोमीटर दूर, जींद – पानीपत रोड पर स्थित एक छोटा सा कस्बा है। नीरज अपने गांव से मतलौडा हर रोज साइकिल से जाते थे। वहाँ स्टेडियम में नीरज घंटों तक भाला फेंक रहे दूसरे खिलाड़ियों के देखते रहते थे।
जब नीरज के पिता को नीरज की इस रूचि का पता चला तो उन्होंने नीरज का दाखिला पानीपत की एक जिम में करा दिया और वहीं पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया सेंटर, पानीपत ( Sports Authority of India ) का भी दौरा किया, जहां उनकी मुलाकात भाला फेंक कोच जयवीर चौधरी से हुई। जयवीर चौधरी ने अगले दिन नीरज को परीक्षण के लिए बुलाया और जब उन्होंने देखा कि नीरज ने बिना किसी तैयारी के ही पहले ही प्रयास में 40 मीटर दूर भाला फेंक दिया तो वे नीरज से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए राजी हो गए।

इस प्रकार जयवीर चौधरी उनके पहले कोच बने, जिनके मार्गदर्शन में नीरज ने भाला फेंक में शुरुआती प्रशिक्षण हासिल किया। यहां नीरज ने लगभग एक साल तक प्रशिक्षण हासिल किया और उसके बाद वे पंचकूला चले गए, जहां उन्होंने नए कोच नसीम अहमद की देखरेख में ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, पंचकूला में प्रशिक्षण हासिल किया। नए कोच नसीम अहमद ने यहां नीरज को भाला फेंकने के साथ-साथ लंबी दूरी की दौड़ में भी प्रशिक्षित किया।
शुरुआत में यहां पर नीरज 55 मीटर तक ही वाला फेंक पाता था। लेकिन नए कोच की गाइडलाइंस व कड़ी मेहनत की बदौलत अब वह 65 से 68 मीटर तक भाला फेंक सकता था। यहीं पर प्रशिक्षण करते हुए साल 2012 में लखनऊ में हुए जूनियर नेशनल के दौरान 68.40 मीटर भाला फेंक कर नीरज ने नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीता।
अगले ही साल 2013 में उन्होंने पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप, यूक्रेन ( World Youth Championship, Ukraine ) में भाग लिया। लेकिन यहां वे कोई पदक नहीं जीत पाए। लेकिन अगले ही साल 2014 में उन्होंने बैंकॉक में खेले गए यूथ ओलंपिक क्वालीफिकेशन ( Youth Olympic Qualification, Bengkok ) में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक रजत पदक जीता।
Neeraj Chopra आर्मी ऑफ़िसर के रूप में नियुक्ति | Neeraj Chopra appointed as Army Officer
साल 2016 में नीरज ने पोलैंड में खेले जाने वाले आईएएफ वर्ल्ड अंडर 20 चैंपियनशिप ( IAAF World U-20 Championship ) में भाग लिया और वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड कायम करते हुए 86.48 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीता। हालांकि उस साल वे 2016 समर ओलंपिक्स, Brazil के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे, क्योंकि समर ओलंपिक्स में क्वालिफाई करने की कट ऑफ तारीख़ 11 जुलाई थी, जो आईएएएफ चैंपियनशिप के एक हफ्ते पहले ही थी।
नीरज चोपड़ा की खेल क्षमता को देखते हुए इंडियन आर्मी ने उन्हें सीधे ही जेसीओ के पद पर नियुक्ति का ऑफर दिया, जिसे नीरज ने स्वीकार कर लिया। इस प्रकार नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में नायब सूबेदार रैंक के साथ राजपूताना राइफल्स में जेसीओ के पद पर नियुक्ति मिल गई। यह पहली बार था जब किसी खिलाड़ी को एक अधिकारी रैंक के लिए भारतीय सेना में सीधी नियुक्ति दी गई थी। आमतौर पर इस रैंक के अधिकारी नॉन कमीशंड ऑफिसर यानि NCO के तहत भर्ती किए जाते हैं।
2016 से टोक्यो,ओलिंपिक 2020 तक का सफ़र | Journey from 2016 to Tokyo, Olympics 2020
- सितंबर 2016 में नीरज ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( SAI ) बेंगलुरु में प्रशिक्षण हासिल करने के लिए एन आई एस पटियाला ( National Institute of Sports, Patiala ) को छोड़ दिया और बेंगलुरु चले गए।
- 2017 में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप ( भुवनेश्वर, भारत ) में 85.23 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।
- 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स ( गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया ) में Men’s Javelin Throw में 86.47 मीटर के साथ सीजन के पहले भारतीय बने, जिन्होंने कॉमनवेल्थ में जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीता।
- मई 2018 में दोहा डायमंड लीग ( दोहा, कतर ) में 87.43 मीटर के साथ नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल जीता।
- अगस्त 2018 में एशियन गेम्स ( जकार्ता और पालेमबांग, इंडोनेशिया ) में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 88.06 मीटर के साथ जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता। यह एशियन गेम्स में जैवलिन थ्रो में भारत का अब तक का पहला पदक था।
- साल 2018 में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ( AFI ) द्वारा नीरज चोपड़ा का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए नामित किया गया, लेकिन उन्हें सितंबर 2018 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- साल 2018 में ही भारतीय सेना ने उन्हें सम्मान के रूप में नायब सूबेदार से सूबेदार पद पर प्रमोट कर दिया।
- साल 2019 में टोक्यो ओलंपिक्स 2020 के क्वालीफाइंग कंपटीशन शुरू होने के एक दिन बाद ही अभ्यास के दौरान उनकी कोहनी में चोट लग गई, जिसकी सर्जरी उन्होंने मुंबई के एक बड़े हॉस्पिटल में करवाई।
- कोहनी की चोट से उबरने के बाद नीरज चोपड़ा ने जर्मनी के बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ क्लाउस बार्टोनिट्ज़ से प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए साउथ अफ्रीका की यात्रा की।
- 16 महीने के लंबे अंतराल के बाद दोबारा अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भाग लिया और जनवरी 2020 में साउथ अफ्रीका में खेली गई एथलेटिक्स सेंट्रल नॉर्थ वेस्ट लीग मीटिंग्स में 87.86 मीटर भाला फेंक कर प्रतिस्पर्धा जीती और साथ ही टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए भी क्वालीफाई कर लिया।
- आगे के प्रशिक्षण के लिए वे साउथ अफ्रीका से तुर्की चले गए लेकिन मार्च 2020 में फैले कोविड-19 की वजह से उन्हें भारत वापस आने के लिए मजबूर होना पड़ा।
- भारत में फैली कोविड-19 महामारी के कारण लगे लोक डाउन के दौरान नीरज ने 2020 का अपना अधिकतर समय एन आई एस पटियाला में ही बिताया।
- साल 2020 के अंत में The Athletics Federation of India ( AFI ) और उड़ीसा सरकार ने नेशनल जैवलिन टीम की सहायता के लिए भुवनेश्वर ( उड़ीसा ) के कलिंग स्टेडियम में एक कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें नीरज चोपड़ा ने भी भाग लिया। यह कैंप दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 तक चला। 5 मार्च 2021 को नीरज ने अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए 88.07 मीटर भाला फेंक कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम किया, जिसके कारण वे भाला फेंक अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में भी तीसरे स्थान पर पहुंच गए।
- मार्च 2021 में उन्होंने स्वीडन जाकर प्रशिक्षण लेने के लिए वीजा के लिए अप्लाई किया, लेकिन Covid-19 महामारी की वज़ह से इनके वीजा आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया। बाद में युवा और खेल मंत्रालय व विदेश मामलों के मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद नीरज को स्वीडन के लिए वीजा मिल गया।
- साल 2021 के अंतरराष्ट्रीय सीजन की शुरूआत उन्होंने पुर्तगाल में खेले गए मीटिंग्स Cidade de Lisboa से की, जहां उन्होंने 83.18 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता।
- जून 2021 में स्वीडन में खेले गए कार्लस्टेड मीट में 80.96 मीटर सब-पैरा थ्रो के साथ स्वर्ण हासिल किया।
- फिनलैंड में Kuortane गेम्स में 86.79 मीटर थ्रो के साथ ब्रोंज मेडल जीता। यहां अपने ख़राब प्रदर्शन के लिए उन्होंने अपनी इच्छा से अधिक दुरी पर भाला फेंकने की उनकी प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही यहां वे एक अलग भाले के साथ मैदान में उतरे थे क्योंकि उनका खुद का भाला उस वक्त उनके पास मौज़ूद नहीं था।
- इसके बाद 2021 के मध्य में कोविड-19 के दोबारा फैलने से सारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा स्थगित कर दी गई और नीरज चोपड़ा स्वीडन के उप्साला में रहते हुए ही अपना प्रशिक्षण करते रहे।
नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलिंपिक 2020 का सफर | Neeraj Chopra Tokyo Olympics 2020 journey
टोक्यो ओलंपिक 2020, जो कोरोना महामारी की वजह से 2020 की बजाय 2021 में आयोजित हुआ, नीरज द्वारा खेला गया उसका पहला ओलंपिक था। जिसमें उन्होंने 7 अगस्त 2021 को अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंक कर स्वर्ण पदक जीता। यह समर ओलंपिक्स 2020 थे, जो जापान के टोक्यो शहर में 23 जुलाई 2021 से 8 अगस्त 2021 तक चले।
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने के लिए 26 जुलाई को स्वीडन से टोक्यो के लिए उड़ान भरी। 4 अगस्त को खेले गए ग्रुप ए के मैचों में 86.65 मीटर स्कोर करके नीरज चोपड़ा ग्रुप ए में टॉप पर रहे तथा 7 अगस्त 2021 को खेले गए फाइनल मैच में 87.58 थ्रो मीटर के साथ ही उन्होंने इतिहास रच दिया और अपने पहले ही ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत लिया।

Neeraj Chopra ने रच डाला एक नया इतिहास | Neeraj Chopra created a new history
इसके साथ ही 121 साल बाद एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक दिलाने वाले वे पहले भारतीय भी बन गए। इसके साथ ही नीरज चोपड़ा व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय भी बन गए हैं। इससे पहले अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग में खेले गए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों, 2008 में 10 मीटर एयर राइफल में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था।
पूर्व भारतीय ओलंपिक खिलाड़ी मिल्खा सिंह ने मरने से पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं एथलेटिक्स में भारत को ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतते देखना चाहता हूं। हालांकि मिल्खा सिंह 18 जून 2021 को इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए। लेकिन नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में अपनी जीत को स्प्रिंटर्स मिल्खा सिंह और उड़न परी पीटी उषा को समर्पित किया।
Neeraj Chopra के मैचों का schedule | Neeraj Chopra’s match schedule for Tokyo Olympics 2020
Group | Day | Date | Time | Top Athletes | Country | Record |
Group A | Wednesday | 4 Aug 2021 | 09:05 | Neeraj Chopra | India | 86.65 |
Group B | Wednesday | 4 Aug 2021 | 10:35 | Nadeem Arshad | Pakistan | 85.16 |
Final | Saturday | 7 Aug 2021 | 20:00 | Neeraj Chopra | India | 87.58 |
Neeraj Chopra बेस्ट थ्रो | Neeraj Chopra Best Throw
नीरज चोपड़ा का अब तक का सबसे बेस्ट थ्रो 88.07 मीटर है, जो उन्होंने उड़ीसा के भुवनेश्वर में कलिंग स्टेडियम में एक ट्रेनिंग कैंप के दौरान बनाया था।
Neeraj Chopra वर्ल्ड रैंकिंग | Neeraj Chopra World Ranking
टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा की वर्ल्ड रैंकिंग बढ़कर सेकंड यानि दूसरी हो गई है। जेवेलिन थ्रो में दुनिआ के पहले नंबर पर जर्मनी के Johannes Vetter हैं, जिनकी वर्ल्ड रैंकिंग जैवलिन थ्रो में First है।
Neeraj Chopra सैलरी और नेटवर्थ | Neeraj Chopra Salary and Net Worth.
नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना की तरफ से 4600\- रूपए बेसिक पेय के हिसाब से 60000 से ₹70000 सैलरी मिलती है। इसके अलावा अन्य सभी स्त्रोतों को मिलाकर उनकी नेटवर्थ लगभग ₹15 करोड़ है।
Niraj Chopra को मिले रिवार्ड्स व पुरुस्कार | Neeraj Chopra rewards and awards
- हरियाणा सरकार की तरफ से ₹6 करोड़ व एक फर्स्ट क्लास सरकारी नौकरी।
- पंजाब सरकार की तरफ से दो करोड रुपए इनामी राशि देने की घोषणा।
- बीसीसीआई की तरफ से एक करोड़ रूपए इनामी राशि की घोषणा।
- आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से एक करोड रुपए इनाम राशि देने की घोषणा।
- हवाई विमानन कंपनी इंडिगो द्वारा नीरज चोपड़ा को 1 साल के लिए अनलिमिटेड फ्री ट्रेवल की सुविधा।
Niraj Chopra के कोच | Coach of Niraj Chopra
नीरज चोपड़ा 13 साल की उम्र से लेकर टोक्यो ओलंपिक 2020 जीतने तक निम्न कोचों से प्रशिक्षण ले चुके हैं।
- स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पानीपत – जयवीर चौधरी।
- ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स, पंचकूला – नसीम अहमद।
- दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने क्लाउस बार्टोनिट्ज़, गैरी कैल्वर्ट, वर्नर डेनियल और उवे होन से प्रशिक्षण हासिल किया।
- टोक्यो ओलंपिक 2020 के दौरान उनके कोच जर्मनी के उवे होन थे।
इस ‘Niraj Chopra Biography In Hindi’ से आपने क्या सीखा।
7 अगस्त 2021 की शाम नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर भाला फेंक कर पूरे देश को गौरवान्वित होने का मौका दिया। पूरा देश नीरज से गोल्ड मेडल की उम्मीद लगाए बैठा था। क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में 7 अगस्त 2021 तक नीरज चोपड़ा द्वारा खेले गए फाइनल मैच से पहले किसी भी भारतीय खिलाड़ी ने एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीता था। लेकिन नीरज ने पूरे देश की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए टोक्यो ओलंपिक में इंडिया की तरफ से खेलते हुए पहला गोल्ड मेडल जीता और पूरे देश का मान बढ़ाया। हमें भारत देश के ऐसे वीर सपूतों पर गर्व है।
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