Best Motivational Story In Hindi With Moral
“यदि कोई शारीरिक रूप से अक्षम है, तो उसे मनोवैज्ञानिक रूप से भी विकलांग होने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।”
– स्टीफन हॉकिंग
दोस्तों, हम किसी दूसरे व्यक्ति की पीड़ा और दर्द को केवल तभी समझ पाते हैं जब हम खुद उस पीड़ा या दर्द से गुजरे हो। नहीं तो, किसी पीड़ित और असहाय व्यक्ति को देखकर तो हर कोई कह सकता है कि “इसे क्या हुआ है, भला चंगा तो दिख रहा है।”
इस कहानी “Best Motivational Story In Hindi” में मैं एक ऐसे बच्चे की Motivational Kahani के बारे में बताने जा रहा हूं जिसने मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और ख़ुद अपाहिज़ होते हुए भी एक छोटे लगड़ें पिल्ले के दर्द को समझा और उसकी मदद की।
मैं परिस्थितियों से हार मान कर बैठ जाने का समर्थन कभी नहीं करता। फिर भी कई बार जीवन में ऐसी परिस्थितियां भी आ जाती हैं जिन्हें हमें स्वीकार करना पड़ता है। लेकिन आखिरकार जीतता वही है जो इन मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानता।
Best Motivational Story In Hindi With Moral

बात नार्थ अमेरिका के एक छोटे से गांव की है, जहां टॉम नाम का एक छोटा अपाहिज बच्चा अपने मम्मी पापा के साथ रहता था। टॉम जब पैदा हुआ था तो उसका दायां पैर मुड़ा हुआ था। टॉम जब 2 साल तक भी ना तो ढंग से चल पाया और ना ही सीधा खड़ा हो पाया, तो टॉम के माता-पिता ने उसे एक डॉक्टर को भी दिखाया।
लेकिन डॉक्टर ने भी जवाब दे दिया कि इसका पूरी तरह से इलाज संभव नहीं है। लेकिन ऐसा हो सकता है कि टॉम सीधा खड़ा हो सके और थोड़ा बहुत चल सके। टॉम के माता पिता इस बात के लिए राजी हो गए। डॉक्टर ने लोहे की रॉड का एक ढांचा बनाया जो टॉम के जूते से होता हुआ उसके घुटने के ऊपर एक बेल्ट से बांधा जा सकता था।
इस ढांचे की मदद से टॉम अब सीधा खड़ा हो सकता था और रुक रुक कर थोड़ा बहुत चल भी पाता था। टॉम की जिंदगी पहले से थोड़ा आसान हो गई थी। लेकिन एक बात उसे हमेशा परेशान करती थी कि वह दूसरे बच्चों की तरह खेलकूद नहीं सकता था। हालांकि वह फिर भी खुश था।
टॉम के स्कूल जाने के रास्ते में एक छोटी सी फूलों की दुकान थी। इसका मालिक एक दयालु बुजुर्ग व्यक्ति था। इस दुकान में हमेशा इनके 4-5 छोटे छोटे पालतू पिल्ले घूमते रहते थे। इनमें से एक पीला लंगड़ा था, वह हमेशा घिसट कर बाकी पिल्लों के पीछे पीछे चलता था। स्कूल जाते समय टॉम अक्सर इस फूलों की दुकान के आगे खड़ा हो जाता और उन पिल्लों को देखता रहता था। टॉम को वह छोटा लंगड़ा पिल्ला सबसे ज्यादा पसंद था।
एक बार टॉम ने उस दुकान के आगे एक बोर्ड लटका दिखाई दिया। जिस पर लिखा था “बिक्री के लिए पिल्ले” टॉम ने यह बोर्ड देखा और सीधा दुकान के अंदर चला गया।
टॉम ने दुकान के मालिक उस बुजुर्ग व्यक्ति से पूछा कि “आप एक पिल्ला कितने पैसों में बेचेंगे।“
तो उस दुकान के मालिक ने टॉम को जवाब दिया कि “लगभग $50 में”
टॉम ने कहा कि “क्या मैं उन्हें देख सकता हूं”
बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा ‘बिल्कुल’ और उसने एक सिटी बजाई और वह छोटे-छोटे सफेद फर वाले पिल्ले भागकर दुकान के मालिक के पास आ गए। जबकि वह लंगड़ा पिल्ला घिसट-घिसट कर सबसे बाद में बाकि सभी पिल्लों के पीछे आया। टॉम ने उस लंगड़े पिल्ले की ओर इशारा करके पूछा कि इसे क्या हो गया है। तो उस बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि जन्म से ही इसका हिप सॉकेट नहीं है।
डॉक्टर ने बोला है कि पूरी उम्र यह पिल्ला ऐसे ही लंगड़ा कर चलेगा। टॉम ने अपनी जेब से $5 का नोट निकाला और उस बुजुर्ग व्यक्ति को देते हुए कहा कि “अभी मेरे पास सिर्फ $5 हैं, यह आप रख लो बाकी कीमत में हर महीने 50 सेंट के हिसाब से चुकाता रहूंगा।” उस बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा ‘ठीक है, लेकिन तुम्हें कौन सा पिल्ला चाहिए।”
तो टॉम ने उस लंगड़े पिल्ले की तरफ इशारा करते हुए कहा कि “मुझे यह पिल्ला चाहिए।” छोटे बच्चे का यह जवाब सुनकर दुकान का मालिक हैरान रह गया। क्योंकि उन्हें पता था कि कोई भी व्यक्ति ऐसे पिल्ले को नहीं खरीदना चाहेगा जो पूरी उम्र लंगड़ा कर चले। दुकान के मालिक ने कहा कि “शायद ! तुम्हें यह पिल्ला नहीं चाहिए। तुम मजाक कर रहे हो।”
लेकिन जब टॉम ने दोबारा उस बुजुर्ग व्यक्ति से कहा कि “नहीं मुझे यही पिल्ला चाहिए।” तो उस बुजुर्ग व्यक्ति ने टॉम के $5 लौटाते हुए कहा कि “अगर तुम्हें यही पिल्ला चाहिए, तो मैं इसे तुम्हें फ्री में दे दूंगा।”
उस बुजुर्ग व्यक्ति की यह बात सुनकर टॉम थोड़ा अपसेट सा हो गया। उसने पैसे लेने से इंकार कर दिया और उस बुजुर्ग व्यक्ति से बोला कि “मैं नहीं चाहता कि तुम इसे मुझे फ्री में दो, क्योंकि यह भी इन दूसरे पिल्लों जैसा ही है और इसकी कीमत भी दूसरे पिल्लों जितनी ही होनी चाहिए।”
उस बुजुर्ग व्यक्ति ने टॉम से कहा कि जब तुम्हें पता है कि यह कभी भी तुम्हारे साथ दौड़ नहीं पाएगा और ना ही तुम्हारे साथ पार्क में खेल पाएगा तो फिर तुम इसे क्यों खरीदना चाहते हो। दुकान के मालिक की यह बात सुन कर टॉम पास रखें एक बेंच पर बैठ गया और अपनी पतलून ऊपर उठाकर उस बुजुर्ग व्यक्ति को अपना मुड़ा हुआ पैर दिखाने लगा, जो एक धातु के ढांचे से मजबूती से जकड़ा हुआ था।
टॉम ने उस बुजुर्ग व्यक्ति की आंखों में देखते हुए कहा की “सही तो है! मैं भी तो कहां दौड़ पाता हूं। मैं भी तो ऐसा ही हूं। शायद इस छोटे पिल्ले को किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत होगी जो इसे समझ सके।” टॉम का यह जवाब सुनकर बुजुर्ग व्यक्ति हैरान रह गया।
उसने उस लंगड़े पिल्ले को उठाया और उसे टॉम को दे दिया। इसके साथ ही उसने टॉम से कहा कि यह छोटा पिल्ला मेरी तरफ से तुम्हारे लिए एक तोहफा है। तुम्हें और पैसे देने की जरूरत नहीं है। इसका ख्याल रखना। टॉम छोटे पिल्ले को पाकर बहुत खुश हुआ और उसे गोद में उठाकर अपने घर की तरफ चल पड़ा।
इस Best Motivational Story In Hindi से आप क्या सीख सकते हैं ?
दोस्तों, इस Motivational Story से आपको क्या शिक्षा मिली, प्लीज कमेंट बॉक्स में बताएं। दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है जिन्हें दूसरों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। दूसरी तरफ ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो दूसरों के दुख दर्द को अपना समझ कर उनकी मदद करते हैं। दोस्तों, में भी आपसे एक ही बात कहना चाहूंगा कि जहां तक संभव हो सके किसी लाचार या असहाय की मदद जरूर करें। क्योंकि दूसरों की मदद करने में एक अजीब से सुकून की अनुभूति होती है।
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ताकि जो लोग जीवन में कुछ करना चाहते है, कुछ बनना चाहते। लेकिन जीवन की मुसीबतों के कारण हार मान कर बैठ गए है वे इस ‘Best Motivational Story In Hindi ‘ से INSPIRE हो सके, MOTIVATE हो सके।
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